Thursday, April 7, 2011

अन्ना नहीं ये आँधी है.....

आज कुछ लिखने का मन कर रहा है। आज कुछ करने का मन कर रहा है। देशभर में एक ही नाम सबके जुबा पर है। अन्ना..अन्ना और अन्ना। बापू महात्मा गांधी ३० जनवरी १९४८ को हम सबको छोड़ कर विदा ले चुके हैं। हमने-आपने गांधी को नहीं देखा होगा। आज अन्ना को देख कर लगता है कि गांधी ऐसे ही रहे होंगे। वो भी इसी तरह अंग्रेजों से लोहा लेते रहे होंगे। देश को आजाद कराने के लिए गांधी ने क्या-क्या ना किया। भले ही लोग २ अक्टूबर और ३० जनवरी को याद कर खुश हो जाते हो लेकिन गांधी ने जो रास्ता दिखाया वो कभी भी काम आ सकता है। किसी भी मुश्किल घड़ी में । अपने दिल में गांधी को बसा कर रखिए। वो हिन्दुस्तान के ही नहीं दुनिया भर के लिए रोल मॉडल थे, हैं और जब तक ये दुनिया है रहेंगे। अन्ना नहीं ये तो आंधी है....ये तो देश का दूसरा गांधी हैं। हां आप आंधी भी हो और गांधी भी हो। हम सब सलाम करते हैं आपको। अन्ना आगे बढ़ो, पूरा भारत आपके साथ हैं। आपने जो कुछ किया है पिछले तीन दिनों में इसको शब्दों में कैसे उतारू। नहीं कर पा रहा हूं मैं। देश में तूफान खड़ा कर दिया है, सुनामी आ गई है....लेकिन ये तूफान, ये सूनामी तबाही की नहीं है, बर्बादी की नहीं है....ये देश के लिए है। देश की बेहतरी के लिए है। ऐसा कोई नहीं जो आपके साथ नहीं। मैं.वो-ये-यहां-वहां. बिहार के भईया, यूपी की बहन...दिल्ली के रिक्शा चलाने वाले, महाराष्ट्र के किसान, आंध्र प्रदेश का बिरयानी विक्रेता, वाराणसी के पंडित, मुजफ्फरपुर का लीची वाला, कोलकाता में दादा का प्रशंसक, मुंबई से सचिन का प्रशंसक, प्रधानमंत्री जैसा दिखनेवाला व्यक्ति,,,रिपोर्टर, दुकानदार, दर्जी, ठेलावाला, साइकिल रिपेयर करनेवाला, मंत्री के सताए लोग, विरोधी दल के लोग, सत्ता के भी कई लोग....कोई नहीं बचा....सब आपके साथ हैं। भ्रष्टाचार से आपकी इस मुहिम में दूसरे देशों में बसे भारतीय भी आपके साथ हैं। हर कोई जिसके बारे में आपने शायद सोचा भी ना हो। महिलाएं, जवान, बुजुर्ग, बच्चे। १२१ करोड़ से ज्यादा लोग...जितने लोगों ने विश्व कप में पाकिस्तान पर भारत की जीत के लिए दुआ नहीं की हो...सब आपके साथ है। आपके एक आदेश के इंतज़ार में। भारत की विश्व कप फतह के बाद सोचा था कि युवराज पर लिखना है, सचिन पर लिखना है, धोनी के छक्के पर लिखना है, रैना पर लिखना है, गौती की गंभीर पारी पर लिखना, विराट लेख लिखना है,जहीर पर लिखना है, केरल एक्सप्रेस पर लिखना है, कर्स्टन पर लिखना है, अगल कोच कौन इस पर लिखना है, माही के लकी चार्म पर लिखना है, भारत-पाक मैच पर लिखना है....देश का सपना पूरा हो गया। २८ साल का इंतजार खत्म हुआ। सचिन का सफर मुंबई से मुंबई तक पहुंच गया। बॉल ब्वॉय से विश्व कप विजेता तक का सफर पूरा हुआ। १९८३ में जब टीम ने विश्व कप जीता था तो हम में से कई लोगों ने लाइव नहीं देखा था, नहीं सुना था...अब ये देख लिया। उसी तरह जब गांधी अंग्रेजों से लोहा ले रहे थे, खुदीराम हंसते-हंसते फांसी पर झूल रहे थे, भगत सिंह-सुखदेव, जैसे वीर अंग्रजों को बाहर जाने को मजबूर कर रहे थे। हमने नहीं देखा था। शांति,अहिंसा के साथ लड़ाई कैसे लड़ी जाती है हमने-आपने नहीं देखा था। विदेशों में हाल में कुछ घटनाएं ने हमे रास्ता दिखाया था...ऐसा भी हो सकता है। अन्ना आपने हमें गांधी के दर्शन करा दिए। गांधी को गए ६३ साल हो गए...आज हमें दूसरा गांधी मिल गया है जैसे २८ साल बाद विश्व कप। भ्रष्टाचार का ये रोग पुराना है। मेरे देश को खोखला कर रहा है। हम सब ये जानते थे, सोचते थे लेकिन मजबूर कुछ कर नहीं पाते थे। आपके तीन दिन से चल रहे अनशन ने हमे राह दिखा दी है...अब भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं है। ये जंग जीत लिया तो सब जीत लिया। विश्व कप जीत से ज्यादा बड़ी खुशी। देश काफी आगे बढ़ेगा अगर आप जंग जीत जाओ। अगर हम सब ये जंग शानदार तरीके से जीत जाएं। राजा रंक बनेगा...कलमाडी कपड़ा तक को तरसेगा, नीरा नारी बनेगी, आदर्श भारतीय नारी। हसन अली जैसा फिर कोई नहीं होगा....सब को समान मौका मिलेगा। जय हो अन्ना जय हो।आपकी ये जंग सफल होने की खास वजह भी हैं। आप किसी पार्टी से नहीं जुड़े हो, बीजेपी एंड कंपनी का साथ आपको नहीं चाहिए....राजनीति आने से मामला ठंडा पड़ सकता था। बेहतर हुआ जो किसी दल को साथ नहीं लिया। अब सब तुम्हारे साथ हैं। कुछ उनकी भी मजबूरियां हैं। पीएम के बाद अब सोनिया की भी अपील आ गई हैं। एक चैनल की ख़बरों पर भऱोसा करें तो शायद यूपी के दो मंत्री भ्रष्टाचार की बलि चढ चुके होंगे। पवार पहले ही बैकफुट पर आ गए हैं। धीरे-धीरे ही सही सब आ जाएंगे। और फिर हम सब इस शानदार जीत का जश्न शानदार तरीके से मनाएंगे। आपके साथ। आप कहते हो आप उस टीम का हेड नहीं बनना चाहते , सलाहकार चलेगा या फिर सदस्य भी। यहीं आपकी इस मुहिम को शानदार बना रही हैं। सबको आपके साथ जुड़ने को मजबूर कर रही हैं। आपको पावर नहीं चाहिए....देश की बेहतरी चाहिए । आपकी इस सरकार से कोई दुश्मनी नहीं...आप इस सरकार को हटाना नहीं चाहते....शायद इसी वजह से मुझे लगता है कि आप ये जंग जीत जाओगे। फिर पूरा भारत जीत जाएगा। आप तो सिर्फ इतना चाहते हो कि सरकार भ्रष्टाचारियों पर डंडे चलाने के लिए एक कानून बनाए, एक विधेयक लाए...जिससे कोई भ्रष्ट ना बच पाएं। सरकार कुछ दिनों में मान लेगी। जय हो अन्ना जय हो।आज एनडीटीवी देख रहा था। रविश कुमार जंतर-मंतर से लाइव थे। एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से उन्होने बताया कि उस अखबार ने अन्ना के अनशन को ब्लैकमेल करना बताय है। हे अंग्रेजी वालो.....सुधर जाओ....खैर नहीं हैं। आप ये कानून बननेवाला ही हैं। आकर्षक हेडिंग लगाने के चक्कर में गलती मत करो क्योंकि तुम्हारे लिए क्रिकेट सब कुछ है....विश्व कप हो चुका है और अब आईपीएल की पूरी तैयारी कर चुके होगे। चार पन्ना भेंट करने के लिए। करो चार नहीं पांच नहीं आठ पन्ना भेंट करो....लेकिन अन्ना के लिए एक पन्ना तो दो....पहला पन्ना तो दो......बस इतना कर दो। आज बस इतना ही अन्ना...हम तुम्हारे साथ हैं......१२१ करोड़ लोग तुम्हारे साथ हैं। जीत हमारी पक्की हैं। कोई फिक्सिंग नहीं हैं, कोई सट्टेबाजी नहीं.....पता नहीं क्यूं ये दिल कहता है जिंदगी का सबसे बड़ा ये मैच हम ही जीतेंगे। अन्ना की कप्तानी में जीत हमारी हो होगी। जय हो अन्ना...जय हो।

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