Thursday, July 30, 2009

INDIA VS PAK OR PM VS ALL

HOW CAN IT BE? WHAT OPPOSITON IS TARGETIN ON PM. WHAT HAVE YOU DONE? WHY IT WAS NEEDED TO GO FOR THE STATEMENT? HOW TERROR AND TALK CAN GO TOGETHER? SOME SAYS EVEN IN COGRESS THERE IS TWO THOUGHT OVER THIS. THEN CAME SONIA IN PM SAVING. SHE SAID DONOT MAKE STATEMENT WHICH SEEMS DIFFERENT VOICE. RIGHTLY SO.OPPOSITION ARE PUTTING HEAVY PRESSUR. ALTHOGH PM HAS TOLD ABOUT THIS BUT IT IS REALLY HARD TO SWELL.AND NOW PAKISTAN IS SAYING ITS INDIAN HAND IN BALUCHISTAN PROBLEM. BASELESS,FOOLISHLESS WHATEVER YOU WANT TO SAY. THERE CAN NOTHIN MORE FOOLISH THAN THIS. WE INDIAN CAN NEVER EVER THINK ABOUT THAT. YOU UNDERSTAND THIS BY THIS WAY WE ARE NUCLEAR STATE BUT WE CANNOT TARGET FIRST. EVEN IN SECOND CHANCE WE HAVE NOW BECOME FULL SURE ABOUT THIS.WE ARE SIXTH COUNTRY IN THIS LIST. REALLY A PROUD MATTER. CAN ANYONE HAVE FAITH WHAT PAK IS BLAMING. I DONOT THINK SO. AGAIN WE HAVE DONE SOME DEAL WITH US.THAT IS TALKING POINT.
WHAT IS OUR FOREING POLICY? WHERE WE ARE HEADING? RIGHT WAY OR …? A COUNTRY LIKE NEPAL PUT EYE BROWS ON US. CHINA YOU CAN NEVER TRUST…THEY ARE ALWAYS PUTTIING IN DOUBT.SRILANKA –THE COUNTRY IS FACING OWN PROBLEM. BETTER HERE NOT TO TALK ABOUT PAKISTAN. THEN BANGLADESH—THERE TWO LADY ARE FIGHTING EVERY TIME ALTHOGT DUE TO US THEY ARE IN THE WORLD BUT NOT A GOOD FRIEND…THESE ARE OUR NEIGHBOUR….IN AUSTRALIA INDIAN STUDENTS ARE BEING BEATEN, RUSSIA A CLOSE FRIEND BUT SINCE WE COME CLOSER TO US THIS RELATIONSHIP IS SURE TO EFFECT. ENGLAND THINK THE SAME WAY IN MANY TIMES AS US. AND US ALWAYS SEE ITS OWN FIRST INTEREST THEN ANYTHING ELSE. SO WHRE WE ARE? IN DEEP-DEEP DANGER OR IN GOOD SITUATION.
WE MUST DO SOMETHING IN THIS REGARD. EASY TO TELL BUT HARD TO DO. HOW CAN IT BE? THAT’S THE BIGGEST CHALLENG TO MANMOHAN TEAM HAS TO FACE BUT SAD TO SAY THIS IS NOT IN GOVT AGENDA. WHAT THEY SAY 100 DAYS MISSION OF EVER MINISTER BUT THESE HEAVY THING IS NOT IN THE LIST. SURE THESE ARE NOT SUCH THAT CAN BE HANDLED IN 100 DAYS IT WANTS DECADE AND CENTURY.

प्रॉब्लम यहाँ भी है....


तिरंगे में कितने रंग होते हैं....????.....जी तीनऔर चक्र नहीं होता क्या...???...होता है..कौनसे रंग का...???....
नीला तो फिर चार रंग हो गए न इतना नहीं पता तुम्हें...????......आप सोच रहे होंगे की मैं तिरंगे को लेकर ये क्या लिख रहीं हूं..............
इन सवालों की धार कर रहीं थी किसी के सपनों को तार-तार......यहां पर एक ब्रेक लेते है, पहले में आपकों बताती हूं कि आखिर मामला यहां तक पहुंचा कैसे.....रविवार की खूबसूरत सुबह.. मोबाईल पर एक कॉल... ये कोई ऐसी वैसी कॉल नहीं इंटरव्यू कॉल थी। खुशी का ठिकाना नहीं रहा, भई इसी दिन का तो इंतजार था, फिर क्या शुरू हो गई तैयारी..पूरे दिन टीवी पर न्यूज़ चैनल देखा और अख़बार तो ऐसे पढ़ा जैसे सारी जिन्दगी की मेहनत आज ही हो जाएगी और तो और कंगाली के दौर में नेट पर 10 रूपये भी कुर्बान कर दिए, मिनिस्ट्रीज से लेकर राजनीतिक हलचल तक सब दिमाग के फोल्डर में कैंद हो चुका था...बेचैनी इतनी की रात में कई बार उठकर घड़ी देखी, सुबह समय से पहले ही ऑफिस पहुंच गई....हाथों में झोला और आंखों में चश्मा और दिल में गजब का आत्मविश्वास इतने बड़े चैनल में इंटरव्यू जो था...करीब तीस चालीस लोग थे, एक-एक करके सबका नाम पुकारा जाने लगा दिल की धड़कने बढ़ गईं, मौका मिलने पर बैग में पड़े कुछ कागजों को उलट-पलट रहीं थी। मेरा नंबर भी आ गया दिल में ठान लिया था, जितना भी आता है इंटरव्यू की टेबल पर उड़ेल दूंगी, सामने बड़े-बड़े लोग, इस एक पल खुद को सबसे खुशनसीब मान रहीं थी। करीब बीस मिनट अपनी प्रतिभा का प्रमाण देने के बाद जब बाहर निकली तो सबसे पहले अपनी घनिष्ठ मित्र को फोन किया...आज तो किला फ़तह कर लिया हमने.. शाम को पार्टी होगी सारे सही जवाब दिए है, देखना अब सब सही हो जाएगा...थोड़ी देर में सबको जाने के लिए कह दिया बस मैं रह गई, विश्वास और बढ़ गया कि बस मंजिल दूर नहीं है, ऐसे में तीन घंटे बैठे-बैठे कैसे बीत गए पता भी नहीं चला,फिर एक सज्जन ने बताया आपका एचआर रॉउंड बचा है जाईये मैडम बुला रहीं है मन में कहा पैसा चाहे कुछ भी मिले लेकिन पोस्ट से कोई समझौता नहीं करूंगी...उधर लोग एचआर हेड के दिव्य ज्ञान की चर्चा कर रहें थें... मैं संभलकर आगे गई...चैम्बर में देखा मैडम कुर्सी पर बैठी फोन पर बात कर रहीं थीं,हाथों में रिमोर्ट सामने एलसीडी पर कैटरीना कैफ चल रहीं थी मुझे देखा और बोली.. ओह हो तुम हो !!!....सबसे पहले तुम्हें निपटाती हूं.....एक के बाद एक सवाल, मैं तो समझ ही नहीं पा रहीं थी की हो क्या रहा हैं... अपने बारे में हिन्दी में लिखना जिन्दगी की सबसे बड़ी गलती बन गया...ख़्वाबों और ख्यालों की दुनिया लुट चुकी थीं, मेरा रिज्यूम तो ऐसे फेंका जैसे कह रहीं हो पता नहीं कहां-कहां से आ जाते हैं महज़ पंद्रह मिनट में केबिन के बाहर और अंदर की दुनिया समझ में आ गई ....अपने सपनों की अर्थी कांधे पर लिए बाहर आ गई और आज तक जवाब न मिला क्या था ये साक्षात्कार या मानसिक बलात्कार............ सलाम जिन्दगी के लिए सुधी सिद्धार्थ

Friday, July 10, 2009

MODI TERE RAJ ME

WHAT IS HAPPENING IN MODI LAND? MORE THAN 120 PEOPLE HAVE BEEN DIED DUE TO TAKING POISIONOUS DESI WINE. THE STATE WHERE WINE IS BANNED.IN BAN CASES WINE IS QUITE FREQUENTLY SUPPLIED. POLICEMEN HELPING IN BIG WAY IN THIS DEAL. WITHOUT GOVERMENT KNOWING AND POLICMEN HELP IT CANNOT BE RUN. ONE REPORT IN NDTV SHOWS MODI STATE IS SIMILIAR IN THIS CASE TO OUR NEIGHBOURING COUNTRY PAKISTAN. IN PAKISTAN TOO WINE IS BANNED. BUT IN BOTH PLACES IT IS EASILY AVAILABE. INTRESTINGLY IS MORE EASILY AVAILABLE THAN THOSE AREAS WHERE IT IS NOT BANNED. THEY CAN BRING YOU ON YOUR HOUSE. WHATEVER BRAND IT IS. JUST CALL THEM THEY WILL COME TO YOU, KNOCK YOUR DOOR AND ASK FOR WHAT YOU WANT. WELL ITS MODI LAND ANYTHING IS POSSIBLE. NO REACTION FROM CM SO FAR. IS HE DIRECTLY INVOLVE IN THIS? OR HIS ANY BIG MINISTER IS BEHIND THIS. CONGRESS MEN TODAY HIT OUT AT BJP OFFICE IN AHMEDABAD. THEY ARE ON ATTACK NOW. OK. SO HOW MODI IS GOING TO CHANGE HIS STATE WHAT SEEMS TO BE LIKE AS PAKISTAN. IT WOULD BE VERY HARD FOR MODI., SOME ONE IS COMPARING HIS STATE TO ONE OF THE WORST COUNTRY IN EVERY SENSE. WHERE RULE OF TALIBAN IS RUNNING. GENERAL PEOPLE OF COUNTRY ARE BECOMING POORER BY DAY AND LOTS OF PROBLEM THERE. US HAS ALREADY BANNED MODY ENTRY IN THE COUNTRY NOW HIS STATE IS COMPARED TO PAKISTAN. MANY MORE WILL COME SOON AS GODHRA CASE WILL MET ITS FINAL DECISION. MORE HINDU OF THE COUNTRY DISLIKE YOU. IT IS BYCHANCE YOU ARE WINNING IN GUJRAT. MAY BE DUE TO WEAKER CONGRESS IN THE STATE. OR THE CONGRESS MEN DO NOT ATTACK YOU ON YOUR WEAKNESS. TO RULE A STATE CONTINEOUSLY ON YOUR MERIT IS OTHER THING THAN DUE THE WEAKNESS OF OTHER IS OTHER THING. MODI MUST REMEMBER THIS. IF ON THIS GROUND YOU ARE HAPPY TO RULE,,,ONLY GOD BLESS YOU NOT THE VOTER.VOTER MIGHT HAVE NO CHOICE BUT TO VOTE YOU. BUT YOU HAVE YOUR OWN CHOICE. SAY SORRY FOR GODHRA...AND LEAVE IT COURT OT DECIDE YOUR FATE...WILL THIS TYPE OF IDEA EVER COME IN YOUR MIND? ...............

YAAD AATA HAI O SAHAR

Yaad aata hai wo MuzaffarpurWo Motijheel ka sama, Puja market ki chat,Wo Vaishali ki ice cream, Wah usme thi kuchh baatWo Mahraja ki mithai, wo Bharat Jalpan ka dosaWo Daudi Market ki pav bhaji aur Shubhraj ka samosa.Wo bike ka safar, wo MDDM wale road ki hawa,Wo Jubba Sahni Park ki raunak aur Devi Mandir ka sama.Wo Zilla School maidan mein cricket aur harne pe jhagra,Wo Mithanpura ki galiyaan aur galiyon mein bhatakna, Sab chhut gaye hai durYaad aata hai wo Muzaffarpur.Wo January ki kadake ki sardi, wo baarishon ke mahiney,Wo garmi ke din, jab chhutate they paseeney.Wo dusehre ki dhoom, wo chatth mein shradda,Wo holi ki masti, wo doston ki toli,Wo diwali ke patakhe aur janmashtmi ki roli.Wo Pankaj Market ki galiyan , wo North Point,Sunshine ki ladkiyan.Wo Shyam ki balcony aur wo Jawahar ka sound,Wo MDDM college ki kudiyan aur unki jodiyan,Wo bina license ki bike riding,aur Town thane pe police ka pakarna,Bas chhut gaye hai durHumko yad ata hai wo apna muzpur
COURTSEY DEEPSHIKHA

Tuesday, July 7, 2009

कांग्रेस का हाथ....

दीदी के बाद दादा की भी बारी आ ही गयी...ऐसे मौके कम ही मिलते है कि रेल बजट और आम बजट एक ही राज्य के नेता पेश करे...दीदी ने कमाल किया था...कुछ भी नहीं बढ़ाया...यात्रियों को लाभ ही लाभ...कुछ नयी ट्रेने चलाई...कुछ आदर्श स्टेशन...और कुछ बेहतरीन स्तर के बनाने का फैसला...बंगाल को ज्यादा ट्रेने मिली...बिहार को कम....वैसे भी बिहार के कई रेल मंत्रियों ने पहले से ही बिहार की सारी लाइनें व्यस्त कर रखी है सो ज्यादा की गुंजाइश नहीं थी....दीदी ने तो कमाल ही कर दिया...पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव नजदीक है...और लेफ्ट को हराने के लिए बंगाल पर पूरा जोर लगाना ही पड़ेगा....नंदीग्राम,सिंगूर और लालगढ़ सब जगह ट्रेनें....लोगों ने बेहतरीन बजट करार दिया...
अब बारी आई दादा की....हिंदुस्तान अखबार ने लिखा दादा के इंद्रजाल में सभी फंस गए...बंगाल के ही बेहतरीन जादूगर पी सी सरकार की तरह बाबू मोशाय ने सभी को फांस लिया...किसी को कुछ भी नहीं दिया....इंडिया और भारत का अंतर मिटाने की जरूर शानदार कोशिश की प्रणब बाबू ने...लेकिन मध्यम वर्ग को तो झुनझुना ही पकड़ा दिया....आयकर में छूट के नाम पर 10 हजार----1.5 लाख से 1.6 लाख... एक चैनल ने दिखाया कि लोग समझ नहीं रहे है कि प्रणब बाबू की इस छूट पर लोग उन्हे कितना धन्यवाद दें....एचआरडी मंत्रालय की बल्ले-बल्ले हो गई...उसकी अधिकतर मांग मान ली गई है...बाज़ार ने जबरदस्त तरीके से रियेक्ट किया...आठ सौ से ज्यादा अंकों का गोता लगाया...शेयर धारकों की उम्मीद ही टूट गयी...भारी बिकवाली के चलते बाजार ने प्रणव दा का विरोध किया....प्रॉपर्टी वाले भी परेशान है...क्या-क्या उम्मीद लगा रखी थी दादा से..सब टूट गए...घर लेने वालों को भी कोई राहत नहीं है...आसान नहीं है घर बनाना या लेना....वोटरों को जरूर धन्यवाद दिया....नरेगा में 144 फीसदी की बढ़ोतरी....मजदूरों को 80 की जगह 100 रुपए रोजाना....सोशल सेक्टर और आधारभूत ढ़ाचे को मजबूत करने के लिए कई उपाय...किसानों के लिए भी सौगात की बारिश...पांच लाख छात्रों को भी फायदा...महिला साक्षरता को बढ़ाने के लिए उपाय....कई बातें है...लेकिन कई बातें नहीं....प्रणव बाबू को 5 साल मिलेंगे...यानि पूरा टेस्ट मैच खेलना है...दीदी की तरह T-20 वाली बात नहीं है...निश्चित तौर से शेयर बाजार और मध्यम वर्ग के अलावा भी भारत है.....और प्रणब दा इसी पर नज़र लगाए है...कांग्रेस का हाथ आम जनता के साथ....उसके करीब पहुंचने की कोशिश है....

लेकिन ये बजट क्या होता है...आप समझते है इसे....राजकोषीय घाटा,,,सकल घरेलू उत्पाद...बहुत मुश्किल है....एक व्यक्ति की प्रतिक्रिया थी,...मैं लड़की को आजतक नहीं समझ पाया और अब ये बजट आ गया......कुछ यहीं हाल है....खैर रेल बजट के नाम पर यात्री किरायों में वृद्धि और कमी...नयी रेलगाड़िया जैसी बातें समझ में आती है,,,उसी तरह आम बजट में इनकम टैक्स जैसी बाते सीधे-सीधे समझ में आ जाती है...बाकि 10 लाख करोड़ का बजट है....या कितने का क्या फर्क पड़ता है......पीएम ने दोनों बजटों को बेहतरीन बताया है....आप तय करें आपके लिए कैसा बजट है....इतना तो समझ में आता है कि हर बजट के बाद सत्ता पक्ष के लोग इसे बेहतरीन,क्रांतिकारी और न जाने क्या-क्या बताते है तो विपक्ष...कुछ नहीं है, बेकार है.... का रोना रोते आपको मिल जाएंगे...लेकिन एक बात तय है कि बजट बड़े काम की चीज है...जैसे आपके घर का मासिक बजट होता है..चावल—8 किलो, आटा-6 किलो वगैरह-वगैरह..वैसे ही ये देश का बजट होता है....आम लोगों को क्या, मध्यम वर्ग को क्या,,,किस सेक्टर को क्या,,,,वगैरह-वगैरह....चलिए दोनों ही बजट आ गए है...अब अपने घर को बजट भी झट से तैयार कर लीजिए.....