Tuesday, July 7, 2009

कांग्रेस का हाथ....

दीदी के बाद दादा की भी बारी आ ही गयी...ऐसे मौके कम ही मिलते है कि रेल बजट और आम बजट एक ही राज्य के नेता पेश करे...दीदी ने कमाल किया था...कुछ भी नहीं बढ़ाया...यात्रियों को लाभ ही लाभ...कुछ नयी ट्रेने चलाई...कुछ आदर्श स्टेशन...और कुछ बेहतरीन स्तर के बनाने का फैसला...बंगाल को ज्यादा ट्रेने मिली...बिहार को कम....वैसे भी बिहार के कई रेल मंत्रियों ने पहले से ही बिहार की सारी लाइनें व्यस्त कर रखी है सो ज्यादा की गुंजाइश नहीं थी....दीदी ने तो कमाल ही कर दिया...पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव नजदीक है...और लेफ्ट को हराने के लिए बंगाल पर पूरा जोर लगाना ही पड़ेगा....नंदीग्राम,सिंगूर और लालगढ़ सब जगह ट्रेनें....लोगों ने बेहतरीन बजट करार दिया...
अब बारी आई दादा की....हिंदुस्तान अखबार ने लिखा दादा के इंद्रजाल में सभी फंस गए...बंगाल के ही बेहतरीन जादूगर पी सी सरकार की तरह बाबू मोशाय ने सभी को फांस लिया...किसी को कुछ भी नहीं दिया....इंडिया और भारत का अंतर मिटाने की जरूर शानदार कोशिश की प्रणब बाबू ने...लेकिन मध्यम वर्ग को तो झुनझुना ही पकड़ा दिया....आयकर में छूट के नाम पर 10 हजार----1.5 लाख से 1.6 लाख... एक चैनल ने दिखाया कि लोग समझ नहीं रहे है कि प्रणब बाबू की इस छूट पर लोग उन्हे कितना धन्यवाद दें....एचआरडी मंत्रालय की बल्ले-बल्ले हो गई...उसकी अधिकतर मांग मान ली गई है...बाज़ार ने जबरदस्त तरीके से रियेक्ट किया...आठ सौ से ज्यादा अंकों का गोता लगाया...शेयर धारकों की उम्मीद ही टूट गयी...भारी बिकवाली के चलते बाजार ने प्रणव दा का विरोध किया....प्रॉपर्टी वाले भी परेशान है...क्या-क्या उम्मीद लगा रखी थी दादा से..सब टूट गए...घर लेने वालों को भी कोई राहत नहीं है...आसान नहीं है घर बनाना या लेना....वोटरों को जरूर धन्यवाद दिया....नरेगा में 144 फीसदी की बढ़ोतरी....मजदूरों को 80 की जगह 100 रुपए रोजाना....सोशल सेक्टर और आधारभूत ढ़ाचे को मजबूत करने के लिए कई उपाय...किसानों के लिए भी सौगात की बारिश...पांच लाख छात्रों को भी फायदा...महिला साक्षरता को बढ़ाने के लिए उपाय....कई बातें है...लेकिन कई बातें नहीं....प्रणव बाबू को 5 साल मिलेंगे...यानि पूरा टेस्ट मैच खेलना है...दीदी की तरह T-20 वाली बात नहीं है...निश्चित तौर से शेयर बाजार और मध्यम वर्ग के अलावा भी भारत है.....और प्रणब दा इसी पर नज़र लगाए है...कांग्रेस का हाथ आम जनता के साथ....उसके करीब पहुंचने की कोशिश है....

लेकिन ये बजट क्या होता है...आप समझते है इसे....राजकोषीय घाटा,,,सकल घरेलू उत्पाद...बहुत मुश्किल है....एक व्यक्ति की प्रतिक्रिया थी,...मैं लड़की को आजतक नहीं समझ पाया और अब ये बजट आ गया......कुछ यहीं हाल है....खैर रेल बजट के नाम पर यात्री किरायों में वृद्धि और कमी...नयी रेलगाड़िया जैसी बातें समझ में आती है,,,उसी तरह आम बजट में इनकम टैक्स जैसी बाते सीधे-सीधे समझ में आ जाती है...बाकि 10 लाख करोड़ का बजट है....या कितने का क्या फर्क पड़ता है......पीएम ने दोनों बजटों को बेहतरीन बताया है....आप तय करें आपके लिए कैसा बजट है....इतना तो समझ में आता है कि हर बजट के बाद सत्ता पक्ष के लोग इसे बेहतरीन,क्रांतिकारी और न जाने क्या-क्या बताते है तो विपक्ष...कुछ नहीं है, बेकार है.... का रोना रोते आपको मिल जाएंगे...लेकिन एक बात तय है कि बजट बड़े काम की चीज है...जैसे आपके घर का मासिक बजट होता है..चावल—8 किलो, आटा-6 किलो वगैरह-वगैरह..वैसे ही ये देश का बजट होता है....आम लोगों को क्या, मध्यम वर्ग को क्या,,,किस सेक्टर को क्या,,,,वगैरह-वगैरह....चलिए दोनों ही बजट आ गए है...अब अपने घर को बजट भी झट से तैयार कर लीजिए.....

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