Sunday, December 27, 2009

फेसबुक,दोस्त और समय

साभार-बीबीसी
फ़ेसबुक पर समय बर्बाद करते कर्मचारी

एक सर्वेक्षण के अनुसार फ़ेसबुक जैसी वैबसाईटों पर कर्मचारी रोज़ कम से कम एक घंटा बर्बाद करते हैं
एक सर्वेक्षण के अनुसार विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी अपने काम के समय में से लगभग 12.5 प्रतिशत हिस्सा व्यर्थ गंवा देते हैं.
ये समय वो बरबाद करते हैं सोशल नेटवर्किंग वैबसाइटों पर...जैसे फ़ेसबुक, ऑर्कुट, माईस्पेस आदि.
भारतीय कंपनियों के संगठन, एसोचैम के इस सर्वेक्षण के अनुसार लगभग हर कंपनी के कर्मचारी कम से कम एक घंटा रोज़ इस तरह की वैबसाइटों से चिपके रहते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि कंपनियों मे काम के घंटे होते हैं आठ लेकिन कर्मचारी काम करते हैं सिर्फ़ सात घंटे.
यह सर्वेक्षण दिल्ली, चंडीगढ़, अहमदाबाद, कोच्चि, देहरादून और कई दूसरे शहरों में अलग अलग 4000 कर्मचारियों से बातचीत पर आधारित है. जिन लोगों से बातचीत की गई उनमें 21 वर्ष की उम्र से लेकर 60 वर्ष तक की उम्र के लोग शामिल हैं.
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने इस बाबत एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि अधिकतर कंपनियों में कर्मचारी इस तरह की वैबसाइटों पर समय बर्बाद करते हैं. वो इसे ख़तरनाक भी मानते हैं.
उनके अनुसार इससे कंपनियों की उत्पादकता बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
सोशल नेटवर्किंग साईटों की वजह से अधिकतर कंपनियों के कर्मचारी लगभग 12.5 प्रतिशत समय बर्बाद करते हैं. सोशलनेटवर्किंग साईटों का बढता चलन कंपनियों की उत्पादकता के लिए ख़तरनाक़ हो सकता है.
डीएस रावत, महासचिव असोचैम
रावत कहते हैं कि कुछ दूरसंचार कंपनियों ने इस तरह की वैबसाइटों पर समय बर्बाद करने वाले कर्मचारियों पर नज़र रखने के लिए सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने शुरु कर दिए हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार लगभग सभी कंपनियों के 82 प्रतिशत कर्मचारियों का फ़ेसबुक पर एकाउंट है.
सर्वेक्षण का निष्कर्ष है कि इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में से 84 प्रतिशत लोग इसके इस क़दर आदी हैं कि अगर उन्हे इंटरनेट इस्तेमाल करते हुए कोई किसी वजह से टोक दे तो वे भड़क जाते हैं.

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