बीजेपी नेताओं का जिन्ना प्रेम देखते ही बनता है। जसवंत सिंह ने भी अपना नाम इस सूची में डलवा लिया है। महान है जिन्ना…सेकुलर है जिन्ना...और भी बहुत कुछ है जिन्ना। आडवाणी को भी जिन्ना सेकुलर लगते है। पाकिस्तान के इतिहासकारों को कड़ी
टक्कर दे रहे है ये बीजेपी के नेता। कभी गांधी पर भी लिख लिया होता। पूरी दुनिया में उन पर ना जाने क्या-क्या लिखे गए...लेकिन गांधी पर लिखने से तो वोट सोनिया गांधी ले उड़ेंगी...किसी को जरा सा भी नहीं समझ आया तो महात्मा की जगह
सोनिया समझ लेगा और फिर कांग्रेस की जीत हो जाएगी....सो बेहतर है वैसे पर लिखो...जिसे कुछ लोग समझेंगे...जिन्ना को सेकुलर बता कर मैं भी सेकुलर की सूची में शामिल हो जाउंगा....फिर पार्टी में पूछ बढ़ेगी...एनडीए के घटक दलों में पूछ बढ़ेगी और फिर धीरे-धीरे मुस्लिम वोटर साथ आएंगे...हिंदू वोटरों को तो आसानी से हम मूर्ख बना ही देते है...कभी अयोध्या के नाम पर, कभी गोधरा के नाम पर, कभी रामसेतू के नाम पर,,,और कई मंदिर है देश में...जरूरत पड़ी तो उसे भी ले आएंगे...मूर्ख ही तो बनाना है...चलिए हिन्दू वोटों को तो इंतज़ाम हो गया...कांग्रेस को टक्कर देनी है तो कुछ मुस्लिम वोटों का भी उपाय कर लिया जाए....जिन्ना से बेहतर कौन हो सकता है....कुछ लोगों को (बीजेपी वालों को) ये समझ में आता है की हर मुस्लिम पाकिस्तान का समर्थक होता है...भारत-पाकिस्तान मैच में वो सचिन को जल्दी आउट होते देखना चाहता है और पाकिस्तान को जीतते....भाई साहब...कहां है आप...बड़ी गलती हो रही है...पूरी प्लानिंग ही चौपट है...ना तो राम मिलेंगे ना ही खुदा....आडवाणी जी ने भी गलती की थी...पीएम इन वेटिंग तो बन गए...लेकिन इससे आगे कहां तक जाते....आडवाणी अटल नहीं है वो सब जानते थे अबकी बार आडवाणी जी भी समझ गए....अब जसवंत जी की बारी है...शायद ये उम्र का तकाजा है....अटल जी भी इस उम्र ऐसा कर गए थे...मोदी पर सीधी कार्रवाई से बचते हुए उन्हे राजधर्म का उपदेश देकर छोड़ दिया था...आडवाणी जी भी जिन्ना को सेकुलर बता आए और फिर पार्टी अध्यक्ष पद बड़े बेआबरू होकर छोड़ने को मजबूर हुए....अब जसवंत जी का क्या होगा...बीजेपी तो कोई कार्रवाई करेगी नहीं...चिंतन बैठक को लेकर पहले से ही चिंता थी...अब चिंता और बढ़ गयी है... ऐसा लगता है बीजेपी ने राम प्रेम को छोड़ कर जिन्ना का राग अलापना शुरू कर दिया है...एक कार्टून छपी थी....राजस्थान की महारानी की जिन्होने इन दिनों बीजेपी आलाकमान की हालत खराब रखी है....कार्टून में लिखा है मुझ पर इस्तीफा का दबाव मत डालो वरणा मैं भी जिन्ना भर लिखना शुरू कर दूंगी....कोई समझा बीजेपी वाले को इन पर जिन्ना का भूत सवार हो गया है...ये जिन्ना-जिन्ना की रट लगाते रह जाएंगे और कांग्रेस इन्हे यू हीं दिन में तारे दिखाती रहेगी.....नेहरू भी गलत-पटेल भी गलत...वाह भाई...एक जिन्ना ने कितने भारतीय नेताओं में सेकुलर होने की होड़ मचा दी है...ना जिन्ना सेकुलर थे ना ये जिन्ना के बीजेपी प्रेमी....कोई दूसरी सब्जेक्ट लाते जसवंत जी...खूब टीआरपी होती...इसकी तो टीआरपी भी नहीं...कोई नहीं पूछता....हंगामा भी अगर मकसद है तो बहुत सारे सब्जेक्ट पड़े हैं हमारे देश में....कभी अपने नए क्षेत्र के लोगों से भी मिल लीजिए उनका भी हाल चाल ले लीजिए....कहा सेकुलरजिम के चक्कर में आप लोग पड़ते है...फायदा से ज्यादा नुकसान ही करवा लेते है...आडवाणी जी को देखकर तो कम से कम सबक ले सकते थे...लेकिन नहीं हम नहीं मानेंगे....आडवाणी तो अध्यक्ष थे....आपके पास तो कुछ भी नहीं है...पार्टी ने भी टिकट नहीं दिया था.....जबरदस्ती चुनाव लड़े थे...जीत गए तो अध्यक्ष बनना चाहते है.....पार्टी चलाना चाहते है....पीएम इन वेटिंग बनना चाहते है.....मत बनिए पीएम इन वेटिंग...बहुत दुख होता है इसमें...बनना है तो सीधे पीएम बनिए मनमोहन की तरह...अब आप तो ये भी नहीं कर सकते...आपकी पार्टी में सुषमा कोई सोनिया थोड़े ही है...वो थोड़े बलिदान करनेवाली है.....अब बीजेपी में पीएम इन वेटिंग पोस्ट के लिए भी मारामारी है....जिन्ना ही बचाए इन बीजेपी वालों से.....
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Thursday, August 20, 2009
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