Wednesday, April 14, 2010

ट्विटर पर टी-२०

आईपीएल तो हिट है। पता नहीं ये कितनी बार कहा गया होगा। शायद ही किसी को इससे इनकार हो। भले ही इस बार फिल्म वालों ने हिम्मत की और कई फिल्म रिलीज की। वैसे ये दूसरी बात है कि बड़ी फिल्म वाले आईपीएल के डर से फिल्म नहीं ला रहे है। खैर आईपीएल में तो भरपूर आनंद आ रहा है। मास्टर ब्लास्टर तो ऐसे गजब ढ़ा रहे है। टी-२० युवाओं का खेल है तो सचिन से युवा भी कोई दिख रहा है क्या। हां कैलिस उनके करीब है। दोनों युवाओं में एक-एक रन के लिए गजब की मारामारी हो रही है। ये अलग बात है कैलिश ने भी आखिरकार मान लिया कि हमस सब इनकी छाया में खेल रहे है। द्रविड़ की शानदार पारी पर कैलिश लिख रहे थे और ये बता रहे थे कि कैसे द्रविड़ सचिन की छत्र छाया में इतने दिनों खेलते रहे। बाद में उन्होने माना कि द्रविड़ ही क्या हम सब उनकी छाया में खेल रहे है।लेकिन जिनको ट्विट करने की आदत हो उनका क्या। वे किसी की छाया में थोड़े ही खेलते है। शशि थरूर को विदेश राज्य मंत्री के नाम से कम ट्विटर मंत्री के नाम से ज्यादा जाना जाता है। प्रधानमंत्री को थरूर को ट्विट मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार दे देना चाहिए। क्योंकि अभी नहीं तो फिर कभी नहीं। राहुल बाबा ट्विट नहीं करते तो क्या हुआ तो थरूर तो करते है। ट्विट ट्विट करते करते थरूर अब फंस गए है या फिर मोदी को भी फंसा लिया है। आईपीएल के सर्वेसर्वा। टी-२० के जनक नहीं तो असली कर्ता धर्ता तो है ही। दुनिया भर में हिट करा दिया। इसकी हर खबर बड़ी खबर होती है। चाहे दो टीमों की बोली हो या खेल हो, शराब हो, स्मोकिंग हो, दर्शक हो,मार्केटिंग हो, टीआरपी हो या फिर कुछ भी। सब खबर है। अब कोच्चि टीम का मामला सुर्खियों में है। मोदी बनाम थरूर का मुकाबला रोमांचक होता जा रहा है। प्रधानमंत्री को भी कहना पड़ रहा है कि अगर सबूत होंगे तो कार्रवाई की जाएगी। इधर थरूर मोदी के आरोपों को सिरे से खारिज करते है। उल्टे मोदी पर आरोप मढ़ देते है। ये क्या हो रहा है भाई। कल दुआ साहब की रिपोर्ट देखी। और फिर पत्रकार मधु के जवाब। उनका कहना था कि हम एनआरआई की यही दिक्कत है। हम जब दूसरे देश से भारत आते है लंबे समय तक रहने के बाद तो फिर ये दिक्कत आती है। मधु ने आगे कहा कि उन्हे भी आश्चर्य होता है कि कैसे पहले उन्होने क्या कह दिया था। थरूर की भी यही दिक्कत है। दूसरे देशों में ये सब छोटी मोटी बात है लेकिन भारत में बड़ा बवाल मच जाता है। वे विदेश राज्यमंत्री भी है तो उन्हे समझना चाहिए। लोगों को, भावनाओं को, संस्कृति को। जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। चलिए थरूर इस बवाल से आगे निकलेंगे और एक बार फिर ट्विट पर कुछ नया बवाल करते नजर आएंगे।

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