Saturday, April 24, 2010

मास्टर को बधाई

आईपीएल में रोज नए-नए विवाद सामने आ रहे है। ललित मोदी अब अपने ही जाल में फंसते दिख रहे है। उनका जाना तय माना जा रहा है। आगे क्या होगा। एक ताजा खबर ये भी है कि रवि शास्त्री मोदी की जगह ले सकते है। इससे ब्रांड पर भी असर नहीं पड़ेगा और ये लीग और हिट हो जाएगा।खैर आज ये बात करने का मौका नहीं है। आज भगवान के ३७ साल पूरे हो गए है. आज ही के दिन भगवान के कदम धरती पर पड़े थे। उसके बाद से बस सोलह की उम्र से वे देश की सेवा कर रहे है। देश को खुश होने का मौका मुहैया करा रहे है। सोलह की उम्र में जब ठीक से कईयों को होश भी नहीं आ पाता उस उम्र में ये दुनिया की सबसे बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण जिसमें वसीम अकरम, वकार यूनुस जैसे गेंदबाजों के खिलाफ पहला टेस्ट खेलना शुरू किया था। और तब से अब तक यानि २१ साल से मैदान में डटे है। बिना किसी विवाद के, पैर अब भी जमीं पर ही है। शतक बनाने के बाद ईश्वर को धन्यवाद करना कभी नहीं भूलते। कितने भारतीय के आदर्श तो कितनों के चेहरे पर एक पल की खुशी लंबे समय से ये मास्टर देता आ रहा है। आज जन्मदिन पर हर चैनल पर तुम जियो हजारों साल की दुआ चल रही है। दर्शक भी बधाई संदेश दे रहे है। कुछ का कहना है जिस दिन सचिन रिटायर होंगे उस दिन से क्रिकेट देखना छोड़ दूंगा। फिर क्यों देखेंगे। फिर कौन खुशी का मौका मुहैया कराएगा, फिर किसका शानदार शट्स देखने के लिए समया जाया करेंगे, किससे कुछ नया सीखेंगे,,,कैसे मुश्किल हालात से खुद और टीम को बाहर निकालना है ये कौन बताएगा...कोई एक दिन कर देगा, दो दिन,दस दिन, एक साल....लेकिन २१ साल तक ऐसा कौन करता रहेगा....सोना,सेंसेक्स और सचिन में भी तुलना होती है...सब पीछे है...खिलाड़ियों में भी तुलना होती है....सब पीछे है...कोई नजदीक है तो एक फॉर्मेट में करीब आने की सोच सकता है....लेकिन पूरी तरह से कम्पलीट कहां बन पाएगा...बधाई हो मास्टर को जन्मदिन...मास्टर का हर साल देरी से आए....क्योंकि जैसे-जैसे साल बीत रहे है सचिन का करियर छोटा होता जा रहा है....एक साल-दो साल-तीन साल-या फिर चार साल....बड़ा मुश्किल लगता है...सोच कर ही डर लगता है...आने वाले कुछ सालों में शायद हमें किसी का इंतज़ार ना रहे, मैच है तो है...सचिन तो नहीं खेल रहे है ना...औऱ मुश्किल स्थिति में ये याद करना कि काश सचिन आज होते तो हमारी टीम इस कद्र नहीं हारती...आज हम जीत जाते...अकेले दम पर दो विश्व कप के अंतिम चार तक ले जाना....१९९६ में लंका से सेमीफाइनल में हार या फिर २००३ में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार....बड़ा दुख पहुंचाता रहेगा....कई मैच, कई कप, हीरो कप याद है ना....शारजाह में लगातार दो शतक तो नहीं भूले ना...वनडे में पहला दोहरा शतक भी तो याद ही होगा...सबसे ज्यादा शतक बात किसी भी फॉर्मेट की कर ले...बस एक टी-२० रह गया था...अब वो भी पूरा हो गया...५७० रन बना चुके है...फाइनल का इंतज़ार है...बर्थडे गिफ्ट भी....कप्तानी में भी लोहा मनवाना जो है.....मुंबई इंडियंस क्या शानदार टीम लग रही है...बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही विभाग में शानदार...जयसूर्या को मौका तक नहीं मिल पा रहा है...ऐसी टीम है....ब्रैवो भी टीम में जगह नहीं बना पा रहे है....कमाल है....तिवारी और रायडू तो कमाल ही कर रहे है.....सो अब जितने भी दिन क्रिकेट में मास्टर के बचे है उसका भरपूर आनंद लीजिए....पता नहीं फिर ये मौका मिले ना मिले...कब क्रिकेट का ये सितारा खेल को अलविदा कह दें और हम सब एक खुशी के लिए तरस जाएं....सारे विशेषण छोटे पड़ जाते है इस इंसान का वर्णन करने में...शब्द ही नहीं मिलता....जितना कहें, उतना कम....भगवान नहीं तो भगवान से कम भी नहीं...कोई इंसान भला ऐसे कैसे कर सकता है...३६की उम्र में वनडे में दोहरा शतक कैसे मार सकता है....युवाओं के खेल टी-२० में सबसे ज्यादा रन कैसे बना सकता है...जब भी मैदान पर उतरता है लोग शतक की उम्मीद कैसे कर लेते है...यूं ही खेलते रहो,,,यूं ही रन बनाते रहो, यू हीं खुशियां देते रहो...अब इनकी ज्यादा जरूरत है....

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