Tuesday, November 17, 2009

फांसी दे दिया जाए या देश से बाहर कर दिया जाए…

क्या करें इन देश के टूकड़े-टूकड़े करने के सपने देखने वालों को...शिवसेना को,एमएनएस को और मोदी टाइप लोगों को...क्या किए जाए आखिर इनका...जम्मू कश्मीर के अलगवादियों का...शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे महाराष्ट्र चुनाव में हार से इस कदर बौखला सकते है इसका अंदाजा उन्होने अपने संपादकीय में दिया...मैं पहले भारतीय हूं कहने पर सचिन को धमकी दे डाली अस्सी साल पार कर चुके ठाकरे ने...सचिन तू क्रिकेट पिच पर ही खेल राजनीति की पिच पर ना खेल..क्या राजनीति बाल ठाकरे और राज ठाकरे की बपौती है...पहले तो उन्हे ये पता ही नहीं है कि सचिन राजनीति से वनडे में 17 हजार से ज्यादा रन दूर है और टेस्ट में भी करीब तेरह हज़ार रन दूर...वैसे तो ठाकरे हमेशा गलत पिच पर बल्लेबाजी करते रहे है लेकिन इस पर पहली बार सामने कोई मजबूत शख्स सामने है...देश भर में बवाल...मीडिया से लेकर सड़क-बस-रेल सबमें यही सवाल...पहले भारतीय होने में क्या गलत है...खैर वहीं ठाकरे अपने संपादकीय के अंत में ये लिखते है जय हिन्द,जय महाराष्ट्रा...उनका हिंद से क्या मतलब है, देश है या कुछ और जो सिर्फ वहीं जानते है...लालू ने सच फरमाया उनके पैर कब्र में है और उन्हे अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए...कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सही लगी...मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसे बयानों की सही जगह कूड़ेदान है...शायद वो भी नहीं...बीजेपी शिवसेना की सहयोगी पार्टी को भी सचिन के बयान में कुछ भी गलत नहीं दिखता...फिर ये शिवसेना को क्या गलत दिखा...अब वो अपनी ही चाल में फंस गए है...राज ठाकरे ने पहले से उनका सोना हराम कर रखा है अब गलत जगह उन्होने हाथ डाल दिया है...दिन भर के बवाल के बाद बैकफुट पर आ गई शिवसेना एंड कंपनी....उम्मीद थी कि बाल ठाकरे अगले दिन भी संपादकीय में माफी मांगेंगे लेकिन ऐसी हिम्मत ठाकरे में कहा होती है...शिवसेना के प्रवक्ता टेलीविजन पर दिन भर भौंकते रहे है...वे गली के कुत्तों से भी बदतर लग रहे थे.,...जब ये कह रहे थे कि हम पहले मराठी है फिर हिन्दुस्तानी...क्यों न इन्हे बैन कर दिया जाए....अस्सी साल पर कर चुके बुजुर्ग को फांसी भी तो नहीं दे सकते...हम भारतीय हैं ऐसा नहीं कर सकते....तो क्या इन्हे समाज से अलग-थलग कर दिया जाए...हम भारतीय ऐसा नहीं कर सकते...तो क्या इन्हे देश से निकाल दिया जाए...अरे,जब हम दूसरे देशों के लोगों को अपने यहां शरण देते है तो ऐसा कैसे कर सकते है...लेकिन इतना तया है ENOUGH IS ENOUGH. कुछ करना ही होगा...इन जैसे लोगों का...राज्य सरकार,केन्द्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में कुछ करना ही होगा...खासकर आम लोगों को आने आना होगा...ताकि ऐसे लोग देश को बांटने की कोशिशों में सफल ना हो पाए...

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