Wednesday, May 6, 2009

AZHAR IN TOUGH MATCH

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरउद्दीन मुरादाबाद से राजनीतिक पारी की शुरूआत कर रहे है। कलाई के इस जादूगर के लिए सियासी पिच पर शतक जमाना आसान नहीं है क्योंकि एसपी और बीजेपी ने आक्रामक फील्डिंग सज़ा रखी है।
टीम इंडिया के सफल कप्तानों में से एक मोहम्मद अजहरउद्दीन ने सियासी पारी की शुरूआत के लिए उत्तरप्रदेश की मुरादाबाद की पिच चुनी है। भले ही ये अजहर की मर्जी से न हुई हो...वैसे सियासत के पहले कदम पर ही उन्हे क्रिकेट और पॉलिटिक्स में अंतर समझ में आ गया होगा। पहले उनके हैदराबाद या सिकंदराबाद से चुनाव लड़ने की ख़बर थी। बाद में कांग्रेस आलाकमान ने उन्हे मुरादाबाद से चुनाव लड़ने को हरी झंडी दी। भले ही अजहर के लिए मुरादाबाद नई जगह हो लेकिन यहां के लोग अजहर की बैटिंग के कायल रहे है। वैसे अजहर के लिए यहां मुकाबला आसान नहीं है। कांग्रेस का यूपी की तरह ही यहां भी कोई खास जनाधार नहीं है।अजहर का इस जगह से अपरिचित होना, यहां की समस्याओं की कम जानकारी जैसे मुद्दे से भी दो चार होना पड़ रहा है। इन सब के अलावा अजहर के नाम की घोषणा में भी पार्टी ने काफी देर लगाई जिससे अजहर को पूरी तैयारी करने का समय ही नहीं मिल पाया। अजहर की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होती...परिसीमन के बाद एक मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट भी इस संसदीय क्षेत्र से निकल गया है। जो मुस्लिम वोटर बचे है उसपर एसपी और बीएसपी उम्मीदवारों की नज़र है। एसपी ने मोहम्मद रिजवान को यहां से उम्मीदवार बनाया है तो बीएसपी टिकट पर राजीव चैना चुनाव मैदान में है।
वहीं बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ रहे सर्वेश सिंह का क्षेत्र में बेहद मजबूत आधार माना जाता है। कुल मिलाकर क्रिकेट की पारी की तरह सियासी पारी की शानदार शुरूआत अजहर के लिए आसान नहीं दिख रही है। अजहरउद्दीन ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरूआत करते हुए पहले तीन टेस्ट मैचों में शतक ठोक डाले थे। लेकिन सियासी पारी की वे कैसी शुरूआत करते है इस पर सबकी नज़र है। अजहर की सभा में लोग जुट रहे है लेकिन उन्हे सुनने के लिए नहीं उन्हे देखने की ललक लोगों में ज्यादा देखी जा रही है। वैसे कांग्रेस को अजहर के रूप में एक स्टार प्रचारक जरूर मिल गया है। अजहर भीड़ जुटाने में तो जरूर कामयाब हो रहे है लेकिन ये भीड़ वोटों में कितनी तब्दील होगी...कहना मुश्किल है। वैसे कांग्रेस ने अजहर को मुश्किल पिच पर बल्लेबाजी के लिए उतारा है। यहां से कांग्रेस आखिरी बार 1984 में जीती थी। CAN AZHAR HIT CENTURY AS HE PLAYED 99 TEST AND UNLUCKY TO BE IN THAT HIGH PROFILE LEAST.

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