Wednesday, May 6, 2009

गम ही गम

कोलकाता नाईट राइडर्स की टीम आखिर हार क्यों रही है... बुकानन की मल्टीकैप्टन थ्योरी से उपजे विवाद या फिर ब्लागर के खुलासे की वजह से...या फिर हार की कुछ और ही वजह है...आईपीएल सीजन टू में शाहरूख के लड़ाकों को आखिर क्या हो गया है। किसी को नहीं समझ आ रहा। अंकतालिका में शाहरूख की कोलकाता नाइट राईडर्स आखिरी पायदान पर है। इसकी शुरूआत बुकानन ने ही की। बुकानन दुनिया के महानतम क्रिकेट कोच में से एक है। ट्वेन्टी-20 के रोमांच में उन्होने एक और रोमांच भरने की कोशिश की। बुकानन ने कहा कि एक टूर्नामेंट के लिए टीम में चार कप्तान होने चाहिए। टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली की कप्तानी पर यहीं से खतरा मंडराना शुरू हुआ। टीम के मालिक शाहरूख को भी बुकानन की थ्योरी भा गई। शाहरूख को बुकानन की थ्योरी कितनी पसंद आई इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होने लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर की भी आलोचना कर डाली। दरअसल गावस्कर को बुकानन की थ्योरी पसंद नहीं आई थी और उन्होने अपने कॉलम में बुकानन की जमकर आलोचना की थी। इससे किंग खान खासे नाराज हो गए। बाद में सौरव को कप्तानी से हटाकर मैकुलम को केकेआर की जिम्मेदारी दी गई। उस मैकुलम को जिसे कप्तानी का कोई ख़ास अनुभव नहीं है। हालत ये हुई कि कप्तानी तो छोड़िए मैकुलम अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी भी भूल गए और अब तो वो कीपिंग भी नहीं करते। टीम भावना शाहरूख की टीम से धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। राजस्थान के ख़िलाफ कोलकाता नाइट राइडर्स का रोमांचक मुकाबला तो आपको याद ही होगा। गांगुली टीम को जीत के काफी करीब ले गए थे। लेकिन गांगुली के आउट होने के बाद मैच टाई हो गया और सुपरओवर से फ़ैसला होना था। जिसमें दोनों टीमों को एक-एक ओवर बल्लेबाजी करनी होती है। क्रिस गेल के साथ गांगुली नहीं मैकुलम बल्लेबाजी करने उतरे। गांगुली जो बेहतरीन फॉर्म में थे जबकि मैकुलम रन के लिए जूझ रहे थे। इसके बाद स्पिनर अजंता मेंडिस से गेंदबाजी कराना जैसे फ़ैसले से क्रिकेट के जानकार अंचभे में रह गए। कई लोगों ने मैकुलम के इन दोनों फ़ैसलों की आलोचना की। इधर टीम हार रही थी उधर ब्लाग के माध्यम से टीम के अंदर की ख़बर बाहर छन कर आने लगी। ब्लागर कौन था फिलहाल तो उसका पता नहीं चला लेकिन इसी घटनाक्रम के बाद संजय़ बांगर और आकाश चोपड़ा को भारत वापस भेज दिया गया। शाहरूख भी हार को झेल नहीं पा रहे थे और फिलहाल भारत में ही है। आईपीएल के पहले जलसे में केकेआर अंतिम चार में पहुंचते-पहुंचते रह गई थी। इस बार तो उसे आठवें स्थान से उपर बढ़ने की चुनौती ही भारी पड़ रही है। 2008 में शाहरूख की टीम ने 14 मैचों में छह मैच जीते थे जबकि सात मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा था। दो अंकों से वो सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सके थे। वैसे आईपीएल सीजन टू में कोलकाता की लगातार हार के लिए कई स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी भी है। रिकी पॉटिंग, शोएब अख्तर, उमर गुल, डेविड हसी, सलमान बट्ट जैसे बेहतरीन क्रिकेट किसी न किसी वजह से इस बार केकेआर के साथ नहीं है। इन सब के अलावा दक्षिण अफ्रीका में आईपीएल होने से इडेन गार्डन फैक्टर भी केकेआर के साथ नहीं रहा। इडेन गार्डन में एक लाख से ज्यादा समर्थकों के बीच दादा एंड कंपनी को मात देना कोई खेल नहीं है। वैसे अब तक बेहतरीन फार्म में रहे क्रिस गेल टीम का साथ छोड़ चुके है जबकि डेविड हसी टीम के साथ आ गए है। शाहरूख की टीम को उम्मीद होगी कि ये बदलाव ज्यादा खुशी कम गम लेकर आएगी।

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