Tuesday, May 5, 2009

गाजियाबाद में रोमांचक मुकाबला

दिल्ली से सटी ग़ाज़ियाबाद सीट इस बार हाईप्रोफाइलों सीटों में शामिल है। बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह यहां से अपनी किस्मत आजमां रहे है। उन्हे कड़ी चुनौती पेश कर रहे है कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुरेन्द्र प्रकाश गोयल और बीएसपी के अमरपाल शर्मा।उत्तरप्रदेश की ग़ाजियाबाद सीट हमेशा से लो-प्रोफाइल रही। लेकिन इस बार नज़ारा कुछ अलग है। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह यहां से चुनाव मैदान में है। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे राजनाथ की यहां कांग्रेस और बीएसपी ने अच्छी खासी घेराबंदी कर रखी है। कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुरेन्द्र प्रकाश गोयल और बीएसपी के अमरपाल शर्मा मुकाबले को ख़ासा दिलचस्प बना रहे है। एसपी ने कल्याण सिंह के कहने पर यहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है और कांग्रेस उम्मीदवार का वो समर्थन कर रही है। राजनाथ के ख़िलाफ़ कल्याण सिंह का ये राजनैतिक चक्रव्यूह माना जा रहा है। राजनीति के पंडितों की पैनी नज़र इस सीट पर लगी हुई है। राजनाथ सिंह के साथ-साथ कल्याण सिंह और कांग्रेस की भी प्रतिष्ठा इस सीट पर दांव पर लगी है। इस चुनावी शतरंज में बीजेपी के लिए करो या मरो की स्थिति है। सीधे-सीधे बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह का राजनैतिक करियर दांव पर लगा है। कल्याण का मानना था कि यहां से एसपी उम्मीदवार उतारने से राजनाथ की राह आसान हो जाएगी क्योंकि तब मुकाबला चतुष्कोणीय हो जाता। फिलहाल मुकाबला त्रिकोणीय है लेकिन वोटरों की चुप्पी से तीनों उम्मीदवार परेशान हैं। जातिगत समीकरण भी यहां खासा उलझा हुआ है। राजनाथ को अपनी बिरादरी के ठाकुर वोटरों से खासी उम्मीदें है। ठाकुर वोटर यहां करीब डेढ़ लाख है। राजस्थान में चले गुर्जर आंदोलन की आग यहां बीजेपी को भारी पड़ सकती है। यहां डेढ़ लाख से ज्यादा गुर्जर वोटर है। वैश्य वोटर करीब दो लाख है ...कांग्रेस उम्मीदवार को अपनी जाति के वोटरों से खासी उम्मीदें हैं। लेकिन निर्णायक स्थिति में मुस्लिम वोटर है। करीब चार लाख मुस्लिम वोटर किसी का भी खेल बना या बिगाड़ सकते है। कुल वोटरों की संख्या यहां 18 लाख के करीब है। परिसीमन के बाद इस संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें शामिल हैं। गाजियाबाद सिटी,साहिबाबाद,लोनी,धौलाना और मुरादनगर। इन नेताओं के साथ-साथ गुर्जर,वैश्य,जाट समाज के कई नेताओं की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस बार जाट बिरादरी के दो नेता अजित सिंह और महेन्द्र सिंह टिकैत आमने सामने है। अजित जहां बीजेपी के साथ है वहीं टिकैत कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में है। गुर्जर बिरादरी के किरोड़ी सिंह बैसला ने बीजेपी में शामिल होकर गुर्जर वोटरों को असमंजस में डाल दिया है। कुल मिलाकर राजनाथ यहां चुनावी चक्रव्यूह में फंसे है और मुकाबला खासा दिलचस्प होने की उम्मीद हैं।

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