Thursday, May 7, 2009

SAMAJWAD IN MUZAFFARPUR

मुजफ्फरपुर संसदीय सीट का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडीस.... इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को मजबूर है। जेडीयू से टिकट न मिलने से आहत जॉर्ज ने नीतीश और शरद की भी नहीं सूनी और चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया। उनका मुकाबला जेडीयू के जयनारायण निषाद और एलजेपी के भगवानलाल सहनी से है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव भी जॉर्ज को ठीक से नहीं समझ सके। जिनके साथ कई सालों से जॉर्ज काम करते रहे हैं। जॉर्ज को अस्वस्थ्य बता कर उन्हे राज्यसभा से भेजने की तैयारी इन दोनों ने कर ली थी। लेकिन जॉज ने पटना पहुंचकर ना सिर्फ अपना फिटनेस टेस्ट दिया बल्कि साफ किया की समाजवादी नेता... जनता के वोट से ही चुनकर जाते है। जेडीयू ने पहले ही अपना उम्मीदवार तय कर लिया था। पार्टी ने यहां से तीन बार सांसद रहे जयनारायण निषाद को टिकट दिया है। एलजेपी ने भगवानलाल सहनी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने विनीता विजय को टिकट देकर मुकाबला कड़ा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। यहीं नहीं बीएसपी की टिकट पर समीर कुमार भी मैदान में कूद पड़े हैं। विकास की बात करने वाले विजेन्द्र चौधरी भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में है। 22 उम्मीदवारों की किस्मत का फ़ैसला करीब साढ़े तेरह लाख मतदाता करेंगे। इनमें पुरूष मतदाता 7 लाख से ज्यादा हैं जबकि महिला वोटरों की संख्या 6लाख से ज्यादा है। जॉर्ज फर्नांडीस का रिकार्ड यहां 5-0 है। यानि जॉर्ज.. मुजफ्फरपुर सीट से कभी नहीं हारे है। 1977 में पहली बार जॉर्ज यहां से चुने गए थे। कैप्टन निषाद ने यहां से तीन बार जीत दर्ज की है...हालाकि तीनों बार अलग-अलग पार्टी की टिकट पर। 2004 में जॉर्ज ने भगवानलाल सहनी को हराया था। महज़ 9 हजार वोटों से....अब देखना होगा कि पार्टी ने जिस जॉर्ज को अनफिट करार दिया है उनपर वोटरों का विश्वास बना रहता है या .............IN 1977 WHEN HE WAS IN PRISON PEOPLE OF MUZAFFARPUR GAVE HIM WIN BUT THIS TIME HE IS IN BIGGER FIGHT. WILL THIS TIME NEW VOTER WILL KEEP THIS IN MIND? THAT IS THE QUESTION.

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